बाड़मेर। थार में देहदान का कारवां चल पड़ा है। कभी कोई जन्म दिन कर करता है। तो कभी कोई तीन पीढी एक साथ देहदान संकल्प लेते है। मंगलवार को भी एक प्रेमकथा के साथ दम्पत्ति ने देहदान किया। कहते है कि मरने के बाद कोई याद नहीं रखता, लेकिन सच्चे प्रेम का रिश्ता कभी भी भुला नहीं पाता। ऐसा ही उदाहरण शहर के राय कॉलोनी निवासी नानगाराम जीनगर ने दिया। जिसने पहली शादी पच्चास साल पहले अंतरी देवी से हुई थी। लेकिन शादी के बारह वर्ष बाद ही वे अपने जीवन साथी को खो बैठे। ऐसे में उन्हें दूसरी शादी करनी पड़ी। लेकिन पहली पत्नी की याद में पचासवीं शादी की सालगिरह पर देहदान की घोषणा की।