वेटिकन सिटी में आज पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार होगा. आइए उनकी शख्सियत पर एक नजर डालें. पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे. उन्होंने अपनी विनम्रता और गरीबों का कल्याण करके लोगों का दिल जीता था. उन्हें पूंजीवाद और जलवायु परिवर्तन से इनकार की वजह से आलोचना का सामना करना पड़ा. पोप का 88 साल की आयु में निधन हो गया. उन्हें फेफड़ों की बीमारी थी. 14 फरवरी को सांस की परेशानी की वजह से उन्हें रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें डबल न्यूमोनिया हो गया. वे अस्पताल में 38 दिन तक भर्ती रहे. पोप रहते हुए उन्हें सबसे लंबे समय के लिए अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा. वे 12 साल तक पोप रहे. अर्जेंटीना के होहे मारियो बरगोलियो में पैदा हुए पोप फ्रांसिस को 13 मार्च 2013 को 266वां पोंटिफ चुना गया. उससे ठीक पहले पोप बेनेडिक्ट सिक्सटींथ ने अचानक इस्तीफा दे दिया था. पोप फ्रांसिस जल्द ही कैथोलिक चर्च में बदलाव का प्रतीक बन गए. उन्होंने वैश्विक स्तर पर इंसानियत और नया प्रगतिशील नजरिया स्थापित किया.