ये एक स्कूल है...एक ऐसा स्कूल जहां बाघों को जंगल में जिंदा रहने के लिए जरूर कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है. ध्य प्रदेश के मंडला में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के घोरेला मैदानों में ये भारत का पहला रिवाइल्डिंग सेंटर है.यहां अपने परिवार से बिछड़े और घायल बाघ शावकों को जंगल में रहने और शिकार करने की कला सिखाई जाती है. इन शावकों को जंगल में तभी छोड़ा जाता है जब ये पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाते हैं. टर से छोड़े जाने के बाद भी इन पर नजर रखी जाती है. रिवाइल्डिंग सेंटर में इस वक्त तीन शावक रखे गए हैं.उन्हें जंगल में जाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. इस अनूठी पहल से बाघ चिड़ियाघरों में कैद होने से बच जाते हैं और उन्हें उनका प्राकृतिक घर वापस मिल जाता है.