भूस्खलन प्रभावित जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा. इसकी वजह से यातायात को मुगल रोड से डायवर्ट किया गया. पर्यटकों को लेकर बड़ी संख्या में वाहन सोमवार को देर रात राजौरी पहुंचे. हालांकि सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही पर रात के वक्त प्रतिबंध के कारण उन्हें रोक दिया गया.
राजौरी के मुस्लिम समुदाय ने फंसे हुए यात्रियों को अस्थायी आश्रय, खाने और बुनियादी सुविधाएं देने के लिए मस्जिदों के दरवाजे खोल दिए. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन भी लोगों की मदद के लिए आगे आए. उन्होंने भी फंसे हुए यात्रियों के लिए मंदिर और सामुदायिक हॉल खोल दिए.
जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में रविवार तड़के बादल फटने की वजह से भारी बारिश से अचानक बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ. इससे कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई मकान, दुकानें और सड़कें बर्बाद हो गईं.
इलाके में हुई तबाही की वजह से 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई है. ये कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला इकलौता बारहमासी मार्ग है. अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग को दोबारा शुरू करने में पांच से छह दिन लग सकते हैं.