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JNU Student Elections: वामपंथ में दरार,क्या ABVP को मिलेगा इसका सीधा फायदा ?

2025-04-22 2 Dailymotion

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 25 अप्रैल को होने जा रहे छात्रसंघ चुनाव में इस बार वामपंथी छात्र संगठनों के बीच पहले जैसी एकता नजर नहीं आ रही है। पिछले साल चार प्रमुख वामपंथी संगठनों — आइसा (AISA), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) — ने 'यूनाइटेड लेफ्ट' के बैनर तले मिलकर चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। लेकिन इस बार गठबंधन में दरारें साफ दिख रही हैं। 18 अप्रैल को नामांकन वापसी की आखिरी डेट थी, केवल AISA और DSF ने मिलकर संयुक्त उम्मीदवार घोषित किए। दूसरी ओर, SFI और AISF ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे और अंबेडकरवादी छात्र संगठन BAPSA(Birsa Ambedkar Phule Students' Association) के साथ मिलकर गठबंधन की घोषणा की। इस गठबंधन को 'अंबेडकर मोर्चा' नाम दिया गया है। लेकिन राजनीति में अंबेडकर की शख्सियत और महत्व को देखते हुए लेफ्ट के दूसरे छात्र संगठन भी अपने आपको आंबेडकर मोर्चा का हिस्सा अंबेडकर के अनुयाई होने के नाते कहलाना पसंद करते हैं और ' जय भीम ' के नारे भी लगाते हैं। JNU में अंबेडकर मोर्चा एक ऐतिहासिक एलाइंस है जो पहली बार हो रहा है लेकिन अगर पूरे देश की बात करें तो हैदराबाद यूनिवर्सिटी,पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में पहले से लेफ्ट छात्र संगठन जैसे SFI अंबेडकर संगठनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। JNU के संदर्भ में ऐसा पहली बार हो रहा है।