बस्सी @ पत्रिका. वर्ष 2008 में जब जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को टू लेन से फोरलेन में कनर्वट किया गया था, तब जयपुर से महुवा तक निर्माण कम्पनी ने 23 हजार 580 पेड़ काटे गए थे, तब हाइवे निर्माण कम्पनी ने निर्माण के वक्त काटे गए पेड़ों की एवज में दो गुने पौधे लगा कर पेड़ तैयार करने का अनुबंध किया था। हालांकि कम्पनी ने कुछ पौधे लगाए भी थे, लेकिन आधे से अधिक तो सार सम्भाल के अभाव में मर गए और अब रहे सहे पेड़ों को हाईवे किनारे होटल-ढाबा व दुकान निर्माण करने वाले लोग काट रहे हैं। एनएचआई व टोल कम्पनी को जानकारी होते हुए भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।