सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 अप्रैल, 2025) को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर फिर से सनुवाई की. कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए पुरानी स्थिति बने रहने का निर्देश दिया है. हालांकि, कानून पर रोक नहीं लगाई है. केंद्र ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी. वहीं, याचिकाकर्ताओं को केंद्र के बाद अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और राजीव धवन जैसे सीनियर एडवोकेट पेश हुए, जबकि केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रख रहे थे. एसजी तुषार मेहता ने सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट से कहा कि वह संसद से पारित एक्ट पर स्थाई या अंतरिम रोक लगाने जा रहा है, जो बहुत रेयर है. उन्होंने इसे बेहद कठोर करार देते हुए कहा कि एक्ट के कुछ सेक्शन को देख कर रोक लगा देना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने लाखों लोगों से बात करके कानून बनाया है, जिसमें पता चला कि गांव के गांव पर वक्फ का दावा है. आम लोगों के हितों के बारे में सोचना भी जरूरी है इसलिए रोक लगाना सख्त बात होगी.