मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के एक सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति सामने आई है। यहां एक महिला मरीज को ड्रिप लगाने के लिए स्टैंड उपलब्ध नहीं था, जिससे मजबूर होकर उसके बेटे को बोतल हाथ में पकड़कर खड़ा रहना पड़ा। यह घटना अस्पताल की गैलरी में हुई, जहां मरीज को टेबल पर बैठाकर इलाज किया जा रहा था। इस दृश्य ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि उन्होंने कायाकल्प योजना में नंबर-1 का दर्जा प्राप्त किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। स्थानीय लोगों ने इस अव्यवस्था पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से तत्काल सुधार की मांग की है।