आज इस कविता का ज़िक्र इसलिये, क्योंकि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी हताशा और निराशा से निकलने के लिये अहमदाबाद में चिंतन शुरू कर चुकी है। ..अहमदाबाद में कांग्रेस का महाधिवेशन शुरू हो चुका है। आज और कल दो दिन कांग्रेस दिमाग़ी तौर पर अपनी ओवरहॉलिंग करेगी।..अपने कई कलपुर्ज़ों की ग्रीसिंग करके उन्हें टाइट करेगी, कुछ को रिप्लेस भी करेगी..ताकि कांग्रेस की गाड़ी सरपट दौड़ सके..और सियासी माइलेज भी दे सके।