संसद के दोनों सदनों से पास वक्फ़ बिल अब क़ानून बन गया है लेकिन इसको लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ वक्फ एक्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ने का एलान किया गया है तो दूसरी तरफ़ सड़कों पर प्रदर्शन की अपील की जा रही है...अब तक सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट के ख़िलाफ़ 11 याचिका दायर हो चुकी है.
इन सबके बीच आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ़ क़ानून को लेकर ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ...हंगामा करने वाले कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक थे...जब सदन में वक्फ़ को लेकर चर्चा की इजाज़त नहीं दी गई तो कागज़ फाड़ने लगे...कपड़े फाड़कर प्रदर्शन करने लगे जिसकी वजह से विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
दूसरी तरफ़ वक्फ़ क़ानून का समर्थन करने वालों को धमकी भी दी जा रही है...मणिपुर में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राज्य अध्यक्ष असकर अली ने जब क़ानून का समर्थन किया तो एक हिंसक भीड़ ने उनके घर को जला दिया...आख़िर संसद में बने क़ानून का प्रदर्शन करने पर ऐसी गुंडागर्दी क्यों?