नवरात्रि 2025 ने अगरबत्ती और पूजा की दूसरे सामानों की मांग में उछाल ला दिया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मां शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला नवरात्रि में गाय के गोबर से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल धूप और दूसरे उत्पाद बना बना रही है, जो रासायनिक उत्पादों से काफी बेहतर, स्वस्थ्य और टिकाऊ विकल्प है. इस गौशाला में लगभग 600 गायें हैं. गौशाला अपने उत्पादों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से बेचती है और इससे होने वाली आय से अपना खर्च चलाती है. गाय के गोबर और दूसरी चीजों से बने उत्पाद को बेचकर मां शाकुंभरी कान्हा उपवन गौशाला दूसरी गौशालाओं के लिए आदर्श बन गई है. गौशाला में काम करने वाले शुभम कुमार ने कहा कि यहां बिना किसी केमिकल के संभ्राणी कप बनाए जाते हैं. इसमें लोबान, गुग्गल, भीमसेनी कपूर होता है. ये वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए बनाया जाता है और अगरबत्ती बनाने के लिए नागरमोथा, भीमसेनी कपूर और कई अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है.