स्वर्णनगरी सोमवार को गणगौर पर्व के रंग में सराबोर हो गई। सुबह से ही मंदिरों में भक्तिभाव का अद्भुत दृश्य था। सुहागिन महिलाओं और युवतियों ने मंगल गीतों के साथ गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। पूरे दिन मंदिरों में गवर माता के जयकारे गूंजते रहे। शाम होते ही श्रद्धालु सजी-धजी गवर प्रतिमाओं के साथ गड़ीसर की ओर बढ़े। मंगल गीतों की स्वरलहरियों के बीच गवरजा की शोभायात्रा जब गड़ीसर पहुंची, तो पूरा वातावरण श्रद्धा और उल्लास से भर उठा। गणगौर पूजन के इस अवसर पर महिलाओं ने पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए विधिवत आराधना की। ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरी गलियों तक गणगौर का उत्साह देखते ही बनता था। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजीं, माथे पर कलश रखकर गीत गाती हुई चल रही थीं। भक्तिमय वातावरण में गणगौर माता की महिमा का गुणगान हुआ।