चेन्नई. मौसम में पिछले दस दिन से तेजी से बदलाव हुआ है। दिन में तेज धूप होने के कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई है। मार्च माह अभी खत्म भी नहीं हुआ है और गर्मी अप्रेल-मई की तरह अपना असर दिखा रही है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री के करीब पहुंच गया है। तेज धूप दोपहर में लोगों का पसीना निकाल रही है। चेन्नई में बदलते मौसम के साथ-साथ अब वायरल भी बढऩे लगा है। ऐसे में अस्पताल में मरीजों की लंबी- लाइनें लगनी शुरू हो चुकी है।
स्टेनली सरकार अस्पताल के डॉक्टर रमेश का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते सबसे ज्यादा मरीज सर्दी, खांसी, वायरल बुखार के आ रहे हैं। साथ ही स्किन एलर्जी के केस भी आ रहे हैं। मरीजों की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी पर्ची के लिए लम्बी लाइन लगने लगी है। वहीं, छोटे-छोटे बच्चे बुखार व सर्दी, खांसी से पीड़ित हैं। डॉक्टर का कहना है कि दिन के समय अधिक गर्मी से लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में बदलते मौसम के समय लोगों को अपनी सेहत का खास खयाल रखना चाहिए।
वायरल बुखार के लक्षण
डाक्टर ने बताया कि वायरल बुखार के मुख्य लक्षण गले में खराश और कंपकंपी, खांसी, जुकाम, तेज बुखार, थकान, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों व बदन में दर्द, सिर और गले में दर्द, आंखें लाल होना हैं। ऐसे में तुरंत प्रभाव से चिकित्सक की सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए। बच्चों तथा वृद्धों के स्वास्थ्य व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तमिलनाडु में तापमान बढ़ने वाला है, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने 19 मार्च तक सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान बढ़ने की भविष्यवाणी की है।
आरएमसी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। निचले क्षोभमंडल स्तरों में हल्की उत्तर-पूर्वी, पूर्वी या दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलेंगी। शुष्क मौसम की स्थिति की उम्मीद है, कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी का अनुभव हो सकताहै। गतिशील मॉडल से विस्तारित-सीमा की भविष्यवाणियों से संकेत मिलता है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब रहेगा। हालांकि, पूर्वोत्तर और आसपास के आंतरिक जिलों में तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में 20 मार्च तक 32 से 34 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा
सूर्य की अल्ट्रा वायलैट किरणें हानिकारक होती हैं और ये अपक्षयी परिवर्तन जैसे कि पटेरिजियम, मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन का कारण बन सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
- डॉ. सुंदरी, नेत्र रोग विशेषज्ञ