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Holi vs Juma Controversy: क्यों होली और ज़ुमे की नमाज़ की वजह से तनाव बढ़ता है? | Chitra Tripathi | ABP News

2025-03-12 4 Dailymotion

रंगों का त्योहार होली 2 दिन बाद मनाई जाने वाली है. कुछ शहरों में तो अभी से होली मनाने की शुरुआत हो गई है...लेकिन इस बार होली के त्योहार के साथ-साथ रमज़ान का महीना भी चल रहा है...और रमज़ान के ज़ुमे के दिन ही होली का त्योहार है. होली और रमज़ान के इस दुर्लभ संयोग को लेकर जगह-जगह तकरार मची हुई है...यूपी के संभल से शुरू ये सिलसिला बिहार और दिल्ली तक पहुंच गया है...कोई कह रहा है कि होली के मौक़े पर घर में ही नमाज़ पढ़ें तो कोई कह रहा है कि नमाज़ का समय नहीं बदल सकते, इसलिए होली को बीच में रोक देना चाहिए. होली को बीच में ही रोकने की मांग बिहार के दरभंगा की मेयर अंजुम आरा की तरफ़ से आई है...इसको लेकर बीजेपी आग-बबूला है, ख़ुद मेयर की पार्टी जेडीयू के नेता भी इससे सहमत नहीं हैं...यही वजह है कि बाद में मेयर अंजुम आरा ने अपने बयान पर खेद जताते हुए इसे वापस ले लिया. उधर दिल्ली के शकूरबस्ती से बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने भी इस विवाद को हवा दी...उन्होंने कहा कि होली साल में एक बार आती है, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग घर पर ही नमाज़ पढ़ें...इससे पहले यूपी के कई नेता भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. इन सबके बीच यूपी के संभल में आज से मस्जिदों को ढकने का काम शुरू हो गया है. होली के जुलूस को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है...यूपी के शाहजहांपुर में भी मस्जिदों को ढका गया है...लेकिन सवाल ये है कि प्यार और मेल-जोल के त्योहार पर इस तरह की बोली क्यों? क्या एक साथ होली और ज़ुमे की नमाज़ संभव नहीं है? क्यों होली और ज़ुमे की नमाज़ की वजह से तनाव बढ़ता है? क्या विवादित बयानों की वजह से दोनों समुदायों के बीच ये दूरी आई है? कौन इसके लिए ज़िम्मेदार है...क्या राजनीतिक लड़ाई त्योहारों तक पहुंच गई है?