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swm news...कागजों में हुए कार्यादेश, वार्डों में नहीं लगी लाइटें

2025-03-04 3 Dailymotion

सवाईमाधोपुर. नगरपरिषद प्रशासन की लापरवाही से कई कॉलोनियां आज भी अंधेरे में गुम है। कई कॉलोनियों में अंधेरा होने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उधर, कॉलोनियों में रोडलाइटों खरीद के लिए करोड़ो रुपए के टेण्डर हुए थे। लेकिन नगरपरिषद प्रशासन के स्टोर कक्ष में इसका कोई रिकॉर्ड तक नहीं है।
नगरपरिषद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में रोडलाइट के लिए एक करोड़ रुपए के टेण्डर हुए थे। लेकिन वह बजट कहां गया इसका कोई अता-पता नहीं है। यहां तक की विभाग के बाबूओं के पास रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं है। इस संबध में यूडीएच ने भी लेआउट प्लान मांगा है।
घोटाला हुआ, पर जांच तक नहीं
जिला मुख्यालय पर विभिन्न वार्डों में रोइटलाइट खरीद के नाम पर घोटाला हुआ था। लेकिन इसके बावजूद भी नगरपरिषद के जिम्मेदारों ने इसकी जांच तक नहीं की और ना ही संबंधित अधिकारी-कार्मिकों से पूछताछ की। पूर्व में जिला मुख्यालय की कई कॉलोनियों में नई रोडलाइटे खरीद के लिए एक करोड़ रुपए के टेण्डर जारी किए थे। इसमें प्रत्येक वार्ड पार्षद को 16-16 लाइटे दी जानी थी।
बजट देने से किया था मना
उधर, जिला मुख्यालय पर कई वार्डों में रोडलाइटे बंद है। पूर्व में नई स्ट्रीट लाइटे खरीदने के लिए नगरपरिषद ने डीएलबी को पत्र भी लिखा था लेकिन डीएलबी से पूर्व में भेजी गई रोडलाइटों का हिसाब मांगा था। ऐसे में नगरपरिषद को नई रोडलाइटे खरीदने के लिए बजट देने से भी मना कर दिया था।
रोडलाइटे लगाने में की थी खानापूर्ति
कांग्रेस कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगरपरिषद में रोडलाइटों के लिए एक करोड़ रुपए के टेण्डर जारी किए थे। इसके बाद 40 लाख का बजट आया था। इस दौरान नगरपरिषद के बिजली ठेकेदारों व कार्मिकों ने कुछ वार्डों में ही रोडलाइटे लगाकर खानापूर्ति की। शेष कई जगहों पर आज भी रोडलाइटे खराब पड़ी है।
फैक्ट फाइल...
-2022-23 में वार्डों में रोडलाइट खरीद के लिए एक करोड़ रुपए के हुए थे टेण्डर।
-इसके बाद 40 लाख रुपए के हुए थे टेण्डर।
-एक पार्षद को देय थी 16-16 लाइटें
- नगरपरिषद क्षेत्र में कुल 60 वार्ड संचालित।