तेनकाशी. द्रमुक कार्यकर्ताओं ने सोमवार को तमिलनाडु के तेनकाशी जिले में दो रेलवे स्टेशनों, बीएसएनएल और डाकघरों के त्रिभाषी नाम बोर्डों पर हिंदी नाम खराब कर दिया। इसका उद्देश्य तमिलनाडु सरकार पर नई शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार करने का दबाव डालना है। द्रमुक कार्यकर्ताओं ने शंकरनकोविल रेलवे स्टेशन के साइनेज पर हिंदी नाम पर कालिख पोत दी। द्रमुक कार्यकर्ताओं ने अप्रत्यक्ष रूप से तमिलनाडु में हिंदी थोपने का प्रयास करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। एक अन्य घटना में द्रमुक पदाधिकारियों के एक समूह ने जिले में पावुरचत्रम रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगे नामपट्ट और स्टेशन के अंदर रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगे नामपट्ट से हिंदी नाम मिटा दिया। बाद में उन्होंने रेलवे स्टेशन के सामने प्रदर्शन किया और केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
इसी तरह द्रमुक कार्यकर्ताओं ने यहां अलंगुलम में डाकघर और बीएसएनएल कार्यालय के नामपट्ट से हिंदी नाम मिटा दिया। रेलवे स्टेशनों और केंद्र सरकार के कार्यालयों के नाम तीन भाषाओं- तमिल, हिंदी और अंग्रेजी में नेमप्लेटों पर लिखे गए थे, जैसा कि आधिकारिक भाषा अधिनियम, 1963 द्वारा अनिवार्य किया गया था। गौरतलब है कि द्रमुक कार्यकर्ताओं ने कोयम्बत्तूर जिले के पोल्लाची जंक्शन और तिरुनेलवेली जिले के पालयमकोट्टै रेलवे स्टेशन पर साइन-बोर्ड पर हिंदी नाम को खराब कर दिया और रविवार को स्प्रे पेंट से 'तमिल वझगा' (जय तमिल) अक्षर लिख दिए।