बस्सी (जयपुर). लोगों में होने वाली छोटी से छोटी बीमारी की जांच कर चिकित्सक दवा दे रहे हैं और मानव जांचों का करोड़ों का कारोबार भी हो रहा है। वहीं यदि पशुओं की बात करें तो बीमार होने वाले पशुओं को वेटरनरी चिकित्सक बिना जांच ही बीमारी के लक्षण के आधार पर दवाइयां दे रहे हैं। इसका परिणाम है कि हर साल करीब 20 फीसदी मवेशियों की बीमारी से अकाल मौत हो जाती है।