आरा, बिहार: बिहार के आरा में एक महिला ने भारतीय नागरिकता के लिए 40 वर्षों का लंबा इंतजार किया। महिला पिछले 40 वर्षों से आरा शहर के चित्र टोली रोड में वीजा लेकर रह रही थी। लेकिन अब महिला को भारतीय नागरिकता मिल चुका है। यह बिहार के लिए पहला मामला है। जिन्हें नागरिकता नियम, 2009 के 11क के उपनियम (1) और नियम 13क के तहत राज्य स्तरीय सशक्त समिति की नागरिक निबंधन के तहत नागरिकता मिला है। महिला पिछले 40 वर्षों से अपनी नागरिकता को लेकर कभी थाने तो कभी वीजा के लिए एंबेसी का चक्कर लगा रही थी। सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। दरअसल सुमित्रा के पिता मदन गोपाल चौधरी को दो बेटी सुमित्रा रानी साहा, कृष्णा रानी साहा और दो बेटे विजय प्रसाद, नरेश प्रसाद थे। छह लोगों का खर्च मदन गोपाल नहीं उठा पा रहे थे। इसी बीच मदन गोपाल चौधरी की तबियत भी खराब हो गई। इस वजह से सुमित्रा अपनी बुआ के घर 1970 में चली गई। जिसके बाद 16 दिसंबर 1971 में बांग्लादेश विभाजित हो गया। फिर सुमित्रा 15 साल बाद जनवरी 1985 को भारत लौट आई उसके बाद कभी बांग्लादेश नहीं गई।
#bangladesh #bihar #ara #indiancitizenship #bangladeshcitizen #sumitraprasad