केंद्र सरकार ने 8 अगस्त 24 को वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है। इसपर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सेक्रेटरी नियाज़ अहमद फारूकी ने कहा कि इस बिल में बहुत सारी खामियां थी और लीगल जस्टिस के एंगल से और डेमोक्रेसी की जो बुनियाद है, इन सभी पावर को नजरअंदाज करके यह बिल बनाया गया और दूसरी बात ये जो वक्फ प्रॉपर्टी है वह कौन वक्फ करता है? किसके लिए करता है? किस लिए करता है? ये तीनों बात इस बिल में मिसिंग थी की जो इस बिल को बनाता है उसके राइट को खत्म कर दिया गया, जिसके लिए यह बनाया जाता है उसके इंटरेस्ट गए हैं को भी ख़त्म कर दिया गया और जिस पर पद के लिए बनाया जाता है उसको भी खत्म कर दिया।
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