क्या बंधे गए कर्मो का नाश हो सकता है, जिससे हमें उनको भुगतना न पड़े? नए कर्म बंधे नहीं उसके लिए क्या करना चाहिए? बंधे हुए कर्मो से छुटकारा कैसे पा सकते है?