भिलाई रैली में निकाली गई झांकी में दर्शाया गया कि किस तरह से डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर ने बचपन से संघर्ष किया। उन्हें स्कूल से बाहर कर दिए। तब भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। अपने अधिकार के लिए किस तरह से संघर्ष किया और अंत में वे संविधान के निर्माता बने।