मैने अपने पिता के कार्य को जाना है। मैं इनके कार्य से काफी प्रभावित हुई हूं। मैं बड़ी होकर अपने पिता की तरह कार्य करुंगी। किसी को शिकायत का मौका नहीं दूंगी। - आदिती खरे, छात्रा बी-कॉम फस्र्ट सेमेस्टर।