आवारा जानवरों के शव की शहर में बेकद्री हो रही है। शहर की दोनों सरकारें इसको लेकर दोहरा रवैया अपना रही हैं। गोवंश की मौत के बाद तो उसका अंतिम संस्कार हिंगोनिया गोशाला में किया जाता है। वहीं, जब किसी श्वान की मौत हो जाती है तो शिकायत पर निगम की टीम पहुंचती है और कचरे के हूप