आदिवासी इलाकों में जयस लगातार अपनी पैठ बना रहा है... इसका ताजा उदाहरण रतलाम का एसईजेड है... कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि सितंबर महीने के आखिर तक मप्र के अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू कर दिया जाएगा। पेसा एक्ट वहां लागू होता है जहां आदिवासी वर्ग की आबादी होती है... पेसा एक्ट लागू होने के बाद ग्राम सभा सबसे पॉवरफुल हो जाती है.. एक तरफ सरकार पेसा एक्ट लागू कर ग्राम सभाओं को अधिकार देने की बात कर रही है दूसरी तरफ ग्रामसभाओं के पारित आदेश की ही प्रशासन अनदेखी कर रहा है.. ऐसे आरोप रतलाम जिला प्रशासन पर है... जहां स्पेशल इकोनॉमिक जोन को बनाए जाने का विरोध आदिवासी कर रहे हैं... हाल ही में एक बड़ा आंदोलन रतलाम में हुआ आदिवासियों का आरोप है कि औद्योगिक क्षेत्र के नाम पर उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल करने का काम किया जा रहा है.. जबकि प्रशासन का तर्क है कि ये जमीन नजूल की है यानी सरकारी है।
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