वर्ष 2003 में राजस्थान सरकार द्वारा जल संसाधन विभाग के अधीन बड़े तालाब व बांधों को ग्राम पंचायतों के अधीन तो कर दिया, लेकिन ग्राम पंचायतों के पास बजट नहीं होने से बांध व तालाब खस्ताहाल में हैं।