सवारी में साफा, अंगरखी, धोती से सजी ईसर व राजस्थानी चूंदड़ी व गोटा-किनारी के लहंगे से सजी गौरी की आकर्षक प्रतिमाओं को सिर पर लेकर महिलाएं चल रही थीं