ऊधम सिंह 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर के सुनाम में पैदा हुए थे। ऊधम का असली नाम शेर सिंह था, उनके बड़े भाई का नाम मुख्ता सिंह था। बचपन में ही ऊधम के माता पिता नहीं रहे। लोगों ने शेर सिंह और मुख्ता सिंह को अमृतसर के अनाथालय भेज दिया। अनाथालय में शेर सिंह को ऊधम, मुख्ता को साधु नाम मिला। 1917 में साधु यानी मुख्ता की मौत हो गई। ऊधम, भगत सिंह को अपना गुरु मानते थे। 1918 में ऊधम ने मैट्रिक की परीक्षा पास की और अनाथालय छोड़ दिया। वे 13 अप्रैल 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के साक्षी थे। जलियांवाला बाग कांड ने ऊधम को दहला दिया। ऊधम ने रेजीनाल्ड डायर, माइकल ओ डायर को मारने की ठानी। जलियांवाला बाग कांड के समय ओ डायर पंजाब का गवर्नर था, रेजीनाल्ड फौज लेकर बाग में पहुंचा था। कई देश घूमते हुए ऊधम 1934 में लंदन पहुंचे। 1927 में रेजीनाल्ड डायर की मौत हो चुकी थी। ऊधम ने माइकल ओ डायर को मारना तय किया। 13 मार्च 1940 को ऊधम ने भरे हॉल में ओ डायर को गोली मार दी। 31 जुलाई 1940 को ऊधम को लंदन में फांसी हो गई। 1974 में ब्रिटेन ने भारत को ऊधम के अवशेष सौंपे।