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‘आतंकवाद के आरोपियों को अदालतें बाइज़्ज़त बरी कर देती हैं, लेकिन समाज और मीडिया नहीं’l NL Interview

2021-11-10 0 Dailymotion

आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में लंबे समय तक जेल में रहने के बाद बरी हुए 16 मुस्लिम युवाओं की कहानी को एकत्रित कर हाल ही में #BaaIzzatBari?’ नाम की किताब छपी है. इस किताब के लेखक पत्रकार मनीषा भल्ला और डॉ. अलीमुल्लाह खान हैं.

किताब के नाम के बाद प्रश्नवाचक चिन्ह क्यों लगाया गया? इस सवाल के जवाब में मनीषा भल्ला कहती हैं, ‘लंबे समय तक जेल में रहने और कानूनी संघर्ष के बाद ये लोग कोर्ट से बाइज़्ज़त बरी तो हो जाते हैं, लेकिन #Society, रिश्तेदार और #Media कभी बरी नहीं कर पाता है. लोग दूरी बना लेते हैं.’’

न्यूज़लॉन्ड्री संवाददाता बसंत कुमार ने मनीषा भल्ला और डॉ. खान से उनकी किताब को लेकर बातचीत की.

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