योगी के मिशन शक्ति का निकला जनाजा
पुलिस अधिकारी ने कर दिया शर्मसार
बस्ती में खाकी ने किया बेगुनाह को परेशान
दरोगा ने लड़की पर लिखे फर्जी मुकदमें
खुलासे के बाद मची इलाके में सनसनी
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जिन पुलिसवालों के सहारे मिशन शक्ति को सफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं अब ऐसी हरकते कर रहे हैं जिससे सीएम के मिशन को पलीता लग रहा है…मामला बस्ती से सामने आया है जहां एक बेगुनाह को दरोगा ने फर्जी मुकदमों में फंसाकर अपनी बात मनवाने की कोशिश की लेकिन जब पीड़ित ने हिम्मत दिखाई तो खुलासे के बाद सनसनी फैल गई…इस गंदे खेल की शुरुआत आरोपी दरोगा दीपक ने की थी जिसमें तमाम अधिकारियों का नाम भी सामने आया तो फिर कार्रवाई का हंटर भी चला…कोरोना काल में आरोपी दीपक ने पीड़ित का गाड़ी चेकिंग के बहाने पीड़ित का नंबर लिया और फिर अश्लील मेसेज भेज कर परेशान करने लगा और प्रेम प्रस्ताव रखा…पीड़ित ने जब इनकार किया तो आरोपी दिखाने लगा अपनी खाकी की धौंस…आरोपी ने पीड़ित के परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमों की लाइन लगा दी…जिला स्तर पर भी मामले की सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने सीएम से शिकायत की जिसके बाद महिला आयोग की अध्यक्ष से मिली और तब मामला पहुंचा गृह सचिव के पास…जांच शुरू हुई तो जिले के एसपी हेमराज मीणा पर भी सवाल उठे और उन्हे अब हटा दिया गया है…आगे जांच बढ़ी तो आरोपी दीपक समेत और कोतवाल रामपाल को निलंबित कर दिया गया…इस खुलासे के बाद अब सरकार के मिशन शक्ति पर सवाल इसलिए उठने लगे हैं कि आखिर जिनके ऊपर इसे सफल बनाने का जिम्मा है वो ही इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं तो फिर अपराधियों को कैसे कोई गिरफ्तार करेगा…सवाल इस बात का भी है कि खाकीधारियों के इतने हौसले कैसे बुंलद हो जाते हैं कि बेगुनाहों को भी परेशान करने में इन्हे डर नहीं लगता…सवाल इस बता का है पुलिस के आलाधिकारी आरोपी खाकी धारियों के कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश क्यों करते हैं जबकि आरोपी के खिलाफ तुरंत एक्शन लेना चाहिए…इस खुलासे ने पुलिस के आलाधिकारियों को भी सवालों में खड़ा किया है और खाकी की इस करतूत को अगर चोर-चोर मौसेरे भाई कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि सब एक दूसरे का गुनाह छुपाने की कोशिश कर रहे थे और अब सजा भी पा रहे हैं…मामले में कार्रवाई तो हुई है लेकिन सिर्फ बस्ती ही नहीं इस तरह की मंशा वाले अधिकारी हर जिले में देखने को मिलते हैं ऐसे में सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाते हुए ऐसे अधिकारियों को विभाग से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए…ताकि एक नजीर कायम हो सके और फिर कोई दरोगा दीपक की तरह कोई सामने न आए…ब्यूरो रिपोर्ट
——-