गर्मियां खत्म होने और सर्दियों की शुरुआत के इस संधिकाल में मौसमी बीमारियों की आहट भी शुरू हो गई है .यह ऐसा समय है जब विभिन्न तरह की वायरस और मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप होता है .इन दिनों देश पहले से ही खतरनाक कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और अब मौसमी बीमारियों का सीजन भी आने से जनता के लिए दोहरी परेशानी की घड़ी है. जनता के अलावा सरकार के सामने भी कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों को काबू में करने की चुनौती है. इधर 6 नगर निगमों के चुनाव करीब आने से चुनावी मौसम भी शुरू हो गया है . बीमारियों की तरह ही ऐसे नेता भी मौसमी या सीजनल होते हैं जो कि सिर्फ चुनाव के समय ही जनता को दर्शन देते हैं. मौसमी बीमारियों का चिकित्सा विज्ञान में इलाज मौजूद है मगर नेताओं के स्वार्थ और मौका परस्ती का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया .