अयोध्या. भव्य राममंदिर निर्माण के शिलान्यास का उल्लास और रोमांच खत्म हो चुका है। मंदिर का मॉडल जारी होने से उसकी भव्यता से भी पर्दा उठ चुका है। अब श्रद्धालुओं में मंदिर निर्माण होते देखने की लालसा है। पिछले कई दिनों से सुरक्षा कारणों से राम जन्मभूमि निर्माण स्थल पर निर्माण संबंधी गतिविधियां ठप थीं। अब गुरुवार से फिर काम शुरू हो गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों और एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों ने परिसर का जायजा लिया।
तीन महीने लगेंगे नींव भरने में
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने जल्द से जल्द पंडाल हटाकर साफ सफाई के निर्देश दिए। दिनभर परिसर की सफाई का अभियान जारी रहा। निर्माण एजेंसी एलएंडटी कल से निर्माण कार्य शुरू कर देगी। पहले नींव खुदाई का काम होगा। इसके लिए जेसीबी मशीनें लगायी जाएंगी। इस काम में दो से तीन महीने लगेंगे। फिर नींव भराई का काम होगा। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की दो मंजिल बनने में करीब 18 महीने का समय लगेगा। असके बाद अगले छह माह मंदिर के अंतिम कार्यों में लगेंगे। इसमें 161 फीट के शिखर का काम भी शामिल है। मंदिर में 5 गुंबदों का भी निर्माण होगा। इसमें सबसे अधिक वक्त लगेगा। इस तरह कम से कम 3.5 साल में मंदिर निर्माण पूरा होगा।
मॉनसून में बुनियाद का काम मुश्किल
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए साफ-सफाई के बाद बुनियाद बनाने का काम शुरू होगा। जो लोग इस काम से वाकिफ हैं, उनका मानना है कि मॉनसून में बुनियाद का काम शुरू होना मुश्किल है। बारिश की वजह से यह काम और धीमा पड़ सकता है। मंदिर के प्लिंथ और ग्राउंड फ्लोर के काम में 18 महीने तक लग सकते हैं। दूसरे कोरोना गाइडलाइन के पालन की वजह से समय से काम पूरा होने में संदेह है।
एडीए और नगर निगम को देने होंगे दो करोड़
राम मंदिर का डिजाइन अब फाइनल हो चुका है। इसके हिसाब से पूरे निर्माण की कास्टिंग की जाएगी। फिर अयोध्या विकास प्राधिकरण यानी एडीए और नगर निगम को तमाम तरह की क्लीयरेंस के लिए मैप और इस्टीमेट सौंपा जाएगा। ट्रस्ट सभी तरह के क्लीयरेंस शुल्क के लिए एक दो दिन में एडीए और निगम को 2 करोड़ का भुगतान कर देगा। ताकि मानचित्र स्वीकृत होते ही नियमानुसार काम शुरू हो सके।
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