कोरोना संक्रमण काल कई तरह की मुश्किलों के साथ हमारे जीवन में कई नए प्रयोगों और नवाचारों का भी रहा है। अगर कहा जाएं कि कोरोना काल शिक्षा व्यवस्था में नए इनोवेशन, अपडेशन और कुछ नया सीखने का समय रहा तो गलत नहीं होगा। ऐसे समय जब यूनिवर्सिटी से लेकर स्कूल कॉलेज लगातार बंद चल रहे हैं तब एजुकेशन सिस्टम को चालू रखने के लिए देखते ही देखते क्लास रूम की पढ़ाई ऑनलाइन एजुकेशन प्रणाली में बदल गई।
शिक्षाविद, समाजसेवी एवं रेनेसा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. स्वप्निल कोठारी कहते हैं कि पोस्ट कोरोना और ड्यूरिंग कोरोना उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए नए अनुभवों का वक्त है, ये हम सबके लिए सीखने, अपडेशन और इनोवेशन का दौर है।
कोरोना काल में ऑनलाइन एजुकेशन का दौर आने के बाद देश में यह बहस भी शुरू हो गई है कि आने वाले समय में क्लासरूम सिस्टम खत्म होकर पूरा फोकस ऑनलाइन एजुकेशन पर ही हो जाएगा, इसको लेकर एक्सपर्ट की राय अलग-अलग है।
वेबदुनिया से बातचीत में शिक्षाविद एवं HRD मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के सदस्य डॉ. अवनीश पांडेय कहते हैं कि ये सही हैं कि कोरोना कालखंड में पूरी दुनिया में ऑनलाइन शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है, लेकिन, जहां तक भारत की बात है तो यहां ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम कभी भी एक्चुअल क्लासरूम सिस्टम को रिप्लेस नहीं कर पाएगा।