“मैं इतना लहसुन,प्याज नहीं खाती हूं जी. इसलिए चिंता मत कीजिए, मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जहां प्याज से मतलब नहीं रखते.” निर्मला जी ये बोलते-बोलते शायद ये भूल गईं कि प्याज खाईए या ना खाईए प्याज आंसू जरूर निकाल देता है. चाहे कटकर हो, दाम बढ़कर हो या फिर सियासत के मैदान में 'हार 'वाली माला पहनकर..