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क्यों भूले बैठे हो? || आचार्य प्रशांत, संत बुल्लेशाह पर (2017)

2019-11-29 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२४ जनवरी, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

हीर राँझे दे होवे मैले,

बुल्ले हीर ढूंढेदी वैले

राँझा यार बगल विच खेले,

मेनू सुध-बुध रही न काई।

~ बुल्ले शाह

प्रसंग:
सत्य को क्यों भूल जाते है?
असली को कैसे याद रखें?
परमात्मा का सुमिरन कैसे करे?
क्यों भूले बैठे हो?

संगीत: मिलिंद दाते