वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१ फरवरी २०१५,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
गुरु नारायन रूप है, गुरु ज्ञान को घाट |
सतगुरु बचन प्रताप सों, मन के मिटे उचाट ||
~ गुरु कबीर
प्रसंग:
गुरु को नारायण रूप क्यों कहाँ गया है?
योगभ्रष्ट का क्या अर्थ है?
गुरु होने का क्या अर्थ है?
सच्चा गुरु कौन?
गुरु और शिष्य के बीच कैसा रिश्ता होता है?