वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२० जुलाई २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
धंनु सु देसु जहा तूं वसिआ मेरे सजण मीत मुरारे जीउ
हउ घोली हउ घोलि घुमाई गुर सजण मीत मुरारे जीउ||
~शबद हज़ारे (नितनेम)~
प्रसंग:
मन साफ़ क्यों नहीं रह पाता?
मन को साफ़ कैसे रखें?
साफ़ मन की क्या-क्या निशानियाँ हैं?