वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१९ नवम्बर, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
मौन भला या बोलना?
मौन और चुप्पी में क्या फ़र्क?
आचार्य जी जब से आप को सुनने, पढ़ने लगा हूँ तब से शांत और चीजे स्पष्ठ मालूम पड़ने लगा है? पर अब लोगो की बात व्यर्थ लगने लगा हैं लगता ऐसा है कि बोल कर मुसीबते खड़ा हो जायेगा? क्या ये मौन सही है?
क्या मौन-मौन में भी भेद होता है?
मौन माने क्या?
क्या मौन ईश्वर स्वरूप है?
क्या चुप रहना और मौन रहना दोनों एक ही बात है?
मौन कैसे बनाए रखें?