राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ के आंकड़े संकट में फंसी अर्थव्यवस्था की मंदी की कहानी बयां कर रहे हैं. एनएसओ के मुताबिक बीते पांच दशक में पहली बार उपभोक्ताओं के ख़र्च में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. इसका सीधा मतलब है कि आम आदमी की जेब में रुपए नहीं हैं और देश में ग़रीबी बढ़ रही है.
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