साल 2007 में येदियुरप्पा पहली बार सीएम बने. साल 2008 में दोबारा सीएम बने लेकिन 2011 में CM छोड़ना पड़ा. कर्नाटक में बीजेपी का एकमात्र कद्दावर चेहरा. येदियुरप्पा की लिंगायत समाज में गहरी पकड़. राजनीतिक समीकरण साधने और जोड़-तोड़ में माहिर. येदियुरप्पा के बूते ही बीजेपी ने कर्नाटक में खिलाया कमल.