फलों को ओला से बचाने के लिए जाली की खरीद पर सरकार की ओर से बागवानों को 80 फीसदी सब्सिडी दी जाती है, लेकिन हजारों बागवान ऐसे हैं जो कई सालों से सब्सिडी के लिए तरस रहे हैं. कई जिलों के बागवान काफी समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन हर बार मायूसी उनके हाथ लगती है. ठियोग के मतियाना का एक बागवान तो ऐसा है जो पिछले 9 सालों से सब्सिडी का इंतजार कर रहा है. पूर्व की वीरभद्र सरकार के दौरान करीब 2 हजार ऐसे किसान-बागवान थे जिन्हें सब्सिडी नहीं मिल पाई थी. सरकार बदल गई और अभी भी किसानों और बागवानों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है. हालांकि, जयराम सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के बजट में 20 करोड़ का प्रावधान किया है, वहीं दूसरी ओर बागवानी विभाग का कहना है कि सब्सिडी के लिए 24 करोड़ रुपये की राशि उपनिदेशकों को जारी कर दी गई है.