आधुनिक राजनीति का चाणक्य कहें या फिर मोदी के भरोसेमंद सारथी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की यह अमिट पहचान बन चुकी है। इस चुनाव के पहले शाह ने 120 हारी हुई सीटों पर ध्यान लगाया। मोदी से 17 ज्यादा 161 सभाएं कीं। बूथों पर 90 लाख कार्यकर्ताओं को लगाकर जीत की रणनीति तैयार की। 2014 में महासचिव तो अब अध्यक्ष के रूप में मोदी की जीत की बड़ी पटकथा लिखने वाले शाह की किस्मत नहीं, उनकी कार्यशैली ने उन्हें यह तमगा दिलाया है..आइए जानते हैं जीता का शाही फॉर्मूला