कुंभ की तस्वीरें अद्भुत हैं और यकीनन अविस्मरणीय भी. लेकिन ज़रा सोचिए. क्या साधु संत पूजा-अर्चना के अलावा भी कुछ कर सकते हैं. आप सोच रहे होंगे की ये कैसा सवाल. सवाल लाजमी है. क्य़ोकिं कुंभ में साधु संतों का एक ऐसा अखाड़ा है जहां कुश्ती का चलन है. मतलब वहां साधु दीक्षा लेने के बाद ईश्वर भक्ति ही नहीं बल्कि पहलवानी भी करते है. आप हैरान होंगे, लेकिन ये कुंभ है और कुंभ की हर तस्वीर अचरज में डालती है. तो चलिए प्रयागराज के कुंभ में निर्वाणी अखाड़े में लेकर चलते है जहां पहले गंगा आरती और बाद में दंगल होता है.